मिले थे तुम अजनबी राहों की तरह
और खो गए इक गुजरते राही की तरह
मुझे देखकर ठिठके भी नहीं
संभालना तो बहुत दूर की बात है .....
सालिहा मंसूरी
09.01.16 04:08 pm
और खो गए इक गुजरते राही की तरह
मुझे देखकर ठिठके भी नहीं
संभालना तो बहुत दूर की बात है .....
सालिहा मंसूरी
09.01.16 04:08 pm
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