Sunday 4 June 2017

बेबाक , बेख़ौफ़ होकर

बेबाक , बेख़ौफ़ होकर
इस दुनिया में जीना है तुम्हें
न दुनिया से डरना      
न लोगों की सुनना
बस ! अपने दिल की
आवाज़ को सुनना है तुम्हें ....

सालिहा मंसूरी -

15.01.16 pm

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